"आंतरिक शक्ति पर बल"
आप चाहें सम्पूर्ण पहर अपने हिस्से में क्यों ना लें फिर भी जब तक आप अपनी आंतरिक शक्ति को नहीं जगाते हैं ,आप एक सोए हुए इंसान के सामान है_
कहने का तात्पर्य यह है कि नज़रों को खोले रहने मात्र से ही नहीं चीज़ें ख़तम या दुरुस्त होंगी बल्कि अपनी आंतरिक शक्ति पर बल दीजिए और जो भी चीज़ आपको आपके कार्य को पूरा करने में अड़चन दें रहीं हैं ,उसे उखाड़ फेंकिए।
धन्यवाद् 🙏
वाह, सही कहा आपने
ReplyDeleteजी शुक्रिया 🙏
DeleteVeri nice...
ReplyDeleteThank u
Deleteअपनी आंतरिक शक्ति पहचानने का कोई उपाय हो तो जरूर बताए...
ReplyDeleteअपनी आंतरिक शक्ति को पहचानना अर्थात् आपकी गुणवत्ता जो आपको अपने ही आंतरिक कमजोरियों से अलग करती है जैसे मैं आपको व्यक्तिगत रूप से जानती हूं बता दूं जब आपने एक नेशनल लेवल का एंट्रेंस पास किया था ,आपको तब यह पता था कि ये आपसे हो पाएगा परन्तु आप इसे वक़्त दे पाएंगी या नहीं इसपर संदेह करना ये आपकी आंतरिक कमज़ोरी थी और उसे आपने दृढ़ निश्चय करके उसमें उत्तीर्ण होकर ,ख़ुद को दिखाया यानी आपकी वो दृढ़ निश्चयता आपकी आंतरिक शक्ति थी उसे अपने सही समय पर पहचाना था ,कहने का तात्पर्य जीवन की हर उस छोटी सी छोटी ,बड़ी से बड़ी चुनौतियों को स्वीकार कर उसे संपन्न करना ही आपकी आंतरिक आंतरिक शक्ति को पहचानना अर्थात उसे उभारना है।
Deleteधन्यवाद् ,हमारा उत्तर योग्य लगा हो तो कमेंट ज़रूर करें अथवा और कोई भी प्रश्न ही तो हमें ज़रूर याद करें।🙏🤗
Sahi bat di
ReplyDeleteThank u
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